लहसुन-कुदरत का एक उपहार..!

प्रकृति ने मनुष्यों को दुस्साध्य रोगों से लडऩे के लिए अनेक औषधियां दी हैं परंतु आधुनिकता के नाम पर अंधी दौड़ के कारण लोगों ने उन्हें भुला दिया है। आयुर्वेदिक ग्रंथों एवं औषधियों पर से उनका विश्वास उठ-सा गया है एवं उसकी जगह क्रिया-प्रतिक्रिया करने वाली एलोपैथिक दवाओं ने ले ली है।
विदेशों में आज हमारे ग्रंथों को आधार बनाकर लगातार नए-नए शोध किए जा रहे हैं। उनके आधार पर अनेक प्रकृति प्रदत औषधि पादपों का पेटेंट किया जा रहा है, वहीं हम उनके प्रति बिलकुल लापरवाह हैं।
हमें अपनी इन वस्तुओं को अमेरिकी पेटेंट से बचाए रखने के लिए ग्रंथों में वर्णित तथ्यों को उजागर करना चाहिए। आइए आज हम धर्मगुरूओं द्वारा उपेक्षित कुदरत के उपहार लहसुन पर एक नजर डालें:-
- लहसुन हमारे यहां सब्जियों में मसाले के रूप में व्यवहृत किया जाता है।
इसकी उत्पत्ति अमृत प्राप्ति के बाद देवताओं - दानवों में हुए झगड़े के कारण हुई मानी जाती है।
- लहसुन का तेल दमा, न्यूमोनिया, कान दर्द, कान बहना, गठिया आदि रोगों में लाभदायक है। इसका तेल बनाने के लिए सरसों के एक छटांक तेल में एक स्वच्छ-पुष्ट लहसुन की पूरी गांठ छील कर डाल दें। सात-आठ दिन इसे ढककर रखें। बाद में लहसुन निकालकर हटा दें व तेल प्रयोग में लायें।
- लहसुन के रस को पानी में मिलाकर गरारे करने से गला खुल जाता है।
- लहसुन की कली दाद वाले स्थान पर रगडऩे से दाद अच्छा हो जाता है।
- लहसुन की कली को चबाने से जी मिचलाना ठीक हो जाता है।
- लहसुन को पीसकर बिच्छू डंक के स्थान पर बांध देने से विष उतर जाता है।
- लहसुन और हल्दी एक साथ पीसकर विषैले कीड़े के काटे स्थान पर लेप करने से उसका असर समाप्त हो जाता है। लहसुन की कुछ तुरियां खा लेने से विशेष फायदा होता है।
- लहसुन का रस दो बूंद नाक में टपकाने से हिचकी दूर हो जाती है।
- ट्यूबरक्लोसिस में लहसुन खाने एवं इसका तेल लगाने से विशेष फायदा होता है।
- भोजन के पहले तिल के तेल के साथ लहसुन का प्रयोग करने से मलेरिया दूर हो जाता है।
- होमियोपैथिक चिकित्सकों ने इसके गुण को देखते हुए एलियम सेटाइवम नामक औषधि बनाई है जो मांसल प्रकृति वाले मंदाग्नि और नजले-जुकाम से पीडि़त लोगों के लिए फायदेमंद है।
- चन्द्र प्रकाश अम्बष्ट

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