जुकाम का काम तमाम part-B


स्टीम लेने
का सही तरीका क्या है?
स्टीम या तो स्टीमर से ले सकते हैं
या फिर किसी बड़े बर्तन में पानी तेज गर्म
करके भाप ले सकते हैं। भाप लेने से पहले सिर को तौलिए से ढक
लें और जितनी देर बर्दाश्त हो, भाप लें।
क्या भाप में विक्स आदि डालें?
विक्स आदि डाल सकते हैं। इसके अलावा टिंक्चर बेंजॉइन के
क्रिस्टल्स या मेंथॉल की बूंदें भी डाल
सकते हैं। शुगर, बीपी, हार्ट व
एनीमिया के मरीज और बच्चे
भी भाप ले सकते हैं।
जुकाम में दवा से लेने से क्या कोई फर्क पड़ता है?
जुकाम अपने आप ही ठीक
हो जाता है। दवा सिर्फ थोड़ा आराम दिलाती है। वायरल
वाले बुखार में एंटी-एलर्जिक दवा से
बहती नाक की स्थिति कुछ सुधार
जाती है लेकिन जुकाम पांच दिन
तो चलता ही है।
क्या कोल्ड्रिन, विनकोल्ड, एविल, डीकोल्ड
या दूसरी ओटीसी दवाएं (जिन
दवाओं के लिए डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन की जरूरत
नहीं होती या जिनके ऐड आते हैं)
लेनी चाहिए? इनके नुकसान क्या हैं?
ये एंटी-एलर्जिक दवाएं होती हैं। ये
ज्यादा फायदेमंद नहीं हैं। बिना डॉक्टर से पूछे कोई
भी दवा नुकसान कर सकती है। एकाध
दिन के लिए इन्हें लिया जा सकता है, पर आराम न आने पर
डॉक्टर को जरूर दिखाएं। एंटी-एलर्जिक होने के कारण
इन दवाओं से ड्राइनेस व सुस्ती आ
जाती है। इन्हें लेने के बाद रेशा सूखता है। ऐसे में
नाक सूख जाने से कभी-कभी दिक्कत
भी हो सकती है।
क्या कफ सीरप,
खांसी की गोलियां जैसे विक्स, हॉल्स
आदि सेफ हैं?
ये गोलियां सेफ हैं। इनसे कोई नुकसान नहीं है। कफ
सीरप भी लिए जा सकते हैं, पर इनसे
सुस्ती आ जाती है।
आराम के लिए आजमाएं ये तरीके
1. एलोपैथी
- सिट्राजिन, क्लोरफेनरामिन, फ्लेक्सोसेनाडीन
जैसी दवाएं ली जा सकती हैं।
2. होम्योपैथी
जुकाम सर्दियों की बजाय गर्मियों में ज्यादा होता है,
क्योंकि गमिर्यों में गर्म से ठंडे व ठंडे से गर्म माहौल में लगातार
आना-जाना होता है। इनमें से कोई एक
तरीका इस्तेमाल करें :
बरसाती जुकाम में : इनमें से किसी एक
की पांच-पांच बूंदें दिन में तीन बार लें :
- रसटॉक्स 30
- डल्कामारा 30
- नेट्रम सल्फ 30
एलर्जी से होने वाले जुकाम में :
एलर्जी धूल, सेंट, टेलकम पाउडर, साबुन या प्रदूषण
से हो सकती है। इसके लक्षण हैं - अचानक
छींकें, नाक-आंख से पानी आना व गले में
खराश होना। आजकल जुकाम की सबसे कॉमन वजह
एलर्जी होती है। इसमें इन दवाओं में से
किसी एक की पांच-पांच बूंदें दिन में
तीन बार ले सकते हैं :
- एलियम सीपा 30
- बैलाडोना 30
- यूफ्रेशिया 30
- नक्सवोमिका 30
- साबाडीला 30
सर्द-गर्म से होने वाला जुकाम : इसमें से किसी एक
की पांच-पांच बूंदें दिन में तीन बार लें :
- ब्रायोनिया 30
- हीपर सल्फ 30
- सेंगुनेरिया 30
सर्दी से होने वाला जुकाम : इनमें से
किसी एक की पांच-पांच बूंदें दिन में
तीन बार ले सकते हैं :
- एकोनाइट 30
- स्टिक्टा 30
3. आयुर्वेद
-एस्टोमैप की एक-एक टेबलेट दिन में
तीन बार लें। साथ
ही प्राणधारा की दो बूंद
भी एक चम्मच गर्म पानी से
तीन बार ले सकते हैं।
-हिमालय की सेप्टिलिन
गोली दो या तीन बार गर्म
पानी से लें।
-लक्ष्मीविलास रस की एक-एक
गोली सुबह-शाम लें। हाई
बीपी वाले
आधी गोली लें।
-सितोपलादि चूर्ण आधा-आधा चम्मच दिन में तीन बार
लें। पानी, दूध या शहद से ले सकते हैं।
-हमदर्द का जोशीना गर्म पानी में मिलाकर
लें।
-जुशांदा चाय की तरह उबालकर गर्म-गर्म लें।
-अग्निकुमार रस की एक-एक
गोली सुबह-शाम दूध या पानी से लें।
-आधा चम्मच चोपचीनादि चूर्ण सुबह व शाम दूध
या गर्म पानी से लें।
-बहुत ज्यादा जुकाम होने पर श्रृंगादि भस्म डॉक्टर से पूछकर
लें। यह चमत्कार की तरह काम
करती है।
-सुबह नहाने से पहले नाक अच्छी तरह साफ
करके उंगली से एक, दो बूंद सरसों का तेल लगाएं।
नहाने के बाद फिर नाक साफ करें। आयुर्वेद में इसे नस्य
कहा जाता है। इससे नजला-जुकाम दूर होता है। साथ
ही स्मरणशक्ति, बुद्धि और नेत्र
ज्योति बढ़ती है।

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